सॉरी,सोशल मीडिया से दूर नहीं रह सकता !
मुझे लगा की मैं सोशल मीडिया के अकाउंट्स डिलीट कर दूं तो शायद कुछ शांति और सुकून मिलेगा और मैं अपना समय कुछ अलग चीजों में लगा सकूंगा लेकिन सब उल्टा ही हो गया।डिलीट तो कर दिया लेकिन बैचेनी बढ़ गया ,दिमाग स्थिर ही नही हो पा रहा था लगा की किसी अपने की मृत्यु हो है। सोशल मीडिया से मेरा जुड़ाव लगभग दस वर्ष का है और यह एक लंबा समय होता है कनेक्ट होने के लिए जब डिलीट किया था तो ज्यादा सोचा नही लेकिन डिलीट करने के बाद विभिन्न पहलुओं पर अपने आप सोचने लगा।वर्षो की मेहनत है,एक अपना पहचान है,कुछ लोग है जो अब परिवार की तरह ही है,कुछ यादें है जो जीवन से जुड़ी हुई है...तमाम चीजे दिमाग में आने लगा और लगा की सोशल मीडिया कितना मायने रखता है मेरे लिए और संभवतः अधिकतर लोगो के लिए भी यह कुछ इसी तरह महत्वपूर्ण है। सोशल मीडिया को बनाने वाले भी हमारी और आपकी इन विचारों को समझते है और शायद इसीलिए उन्होंने ऐसा सिस्टम बनाया है की आपको परमानेंटली डिलीट करने बाद भी कुछ समय दिया जाता है सोचने के लिए और बेहतर निर्णय लेने के लिए ...मैने भी सोचकर निर्णय लिया की अकाउंट रिस्टोर कर ही लेते है। इन दिनों दो महत्वपूर्ण फैसले